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हैरान हो जाओगे गंगा का ऐसा रूप देखकर! यह कैसे हो गया

हैरान  हो जाओगे गंगा का ऐसा रूप देखकर! यह कैसे हो गया 
हैरान  हो जाओगे गंगा का ऐसा रूप देखकर! यह कैसे हो गया
हैरान  हो जाओगे गंगा का ऐसा रूप देखकर! यह कैसे हो गया 


देश में हर साल, हज़ारो करोड़  रुपया गंगा सफाई अभियान में लगाया जाता है, जबकि तालाबंदी से गंगा के पानी के स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है। कोरोना के सकारात्मक प्रभाव भी आ रहे हैं।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण और पर्यावरण बोर्ड ने पाया है कि देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार में हरकी पैड़ी तक गंगा में हानिकारक जीवाणुओं की संख्या में कमी आई है और अन्य प्रकार की गंदगी में भी कमी आई है।

बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, हरि की पाड़ी में जैव-ऑक्सीजन की मांग में लगभग 20 प्रतिशत की कमी आई है। यानी यहां के बैक्टीरिया को अब जैविक कणों को तोड़ने के लिए बीस फीसदी कम ऑक्सीजन की जरूरत है।

गंगा का पानी अब अधिक स्वच्छ और प्राकृतिक दिख रहा है, और इसका उपयोग पीने के लिए किया जा सकता है

एक और अच्छी बात यह है कि देवप्रयाग से हरकी पैड़ी तक गंगा के पानी में हानिकारक बैक्टीरिया (कोलीफॉर्म बैक्टीरिया) भी काफी कम हो गए हैं। मार्च 2020 में उसके पाडी में कोलीफॉर्म बैक्टीरिया की उपस्थिति 26 प्रतिशत पाई गई, जो घटकर 17 प्रतिशत हो गई है।

वहीं, लक्ष्मणझूला ऋषिकेश में इस जीवाणु में लगभग 47 प्रतिशत की कमी आई है। बोर्ड का मानना ​​है कि यहां पानी ए ग्रेड का है।

खुशी है कि पीने के लिए पानी का उपयोग यहां क्लोरीन के साथ किया जा सकता है।

एक बार फिर, प्रकृति ने यह साबित कर दिया है कि उसे हेरफेर पसंद नहीं है।